Accident or Conspiracy | हादसा या साजिश | Hindi Story | Hindi Kahani
Accident or Conspiracy हादसा या साजिश Hindi Story Hindi Kahani. रात के अंधेरे में सुनसान सड़क पर दौड़ती एक कार अचानक नियंत्रण खो बैठती है और एक खतरनाक मोड़ पर पलट जाती है। घटना इतनी तेज़ और अप्रत्याशित थी कि किसी को कुछ समझने का मौका ही नहीं मिला। परंतु इस हादसे की जांच के…
Accident or Conspiracy हादसा या साजिश Hindi Story Hindi Kahani. रात के अंधेरे में सुनसान सड़क पर दौड़ती एक कार अचानक नियंत्रण खो बैठती है और एक खतरनाक मोड़ पर पलट जाती है।
घटना इतनी तेज़ और अप्रत्याशित थी कि किसी को कुछ समझने का मौका ही नहीं मिला। परंतु इस हादसे की जांच के दौरान जब परतें खुलने लगीं, तो कई चौंकाने वाले रहस्य सामने आए। क्या यह महज़ एक दुर्भाग्यपूर्ण हादसा था, या इसके पीछे छिपी थी एक साजिश? आइए, इस रोमांचक कहानी में जानें सच्चाई का सामना कैसे किया गया।
Accident or Conspiracy – हादसा या साजिश
सर्दियों की गहरी रात थी। दिल्ली-जयपुर हाईवे पर गाड़ियां कम थीं, और ठंडी हवा ने सड़क को एक खौफनाक सन्नाटे में लपेट लिया था। अनुराग और उसकी पत्नी रिया अपनी कार में जयपुर की ओर जा रहे थे। वे अपनी शादी की सालगिरह मनाने के लिए कुछ दिन शहर की हलचल से दूर बिताना चाहते थे।
घड़ी रात के 11 बजा रही थी। अचानक, एक मोड़ पर उनकी कार के सामने एक अंधेरा साया आया। अनुराग ने तुरंत ब्रेक लगाया, लेकिन कार फिसल गई और सड़क किनारे लगे बैरिकेड से टकरा गई। जब तक वे समझ पाते, उनकी कार पलट चुकी थी।
रहस्यमयी बचाव
जब अनुराग और रिया को होश आया, वे एक अजनबी कमरे में थे। कमरेमे अँधेरा था और कमरा बंद था। चारों ओर गहरी खामोशी थी, केवल खिड़की से आती हवा की सरसराहट सुनाई दे रही थी। रिया के सिर पर पट्टी बंधी हुई थी, और अनुराग का दायां हाथ चोटिल था।
तभी कमरे का दरवाज़ा धीरे से खुला, और एक अधेड़ उम्र का व्यक्ति अंदर आया। उसने अपना नाम विजय बताया और कहा, आप दोनों को मैंने सड़क किनारे घायल हालत में पाया। आप भाग्यशाली हैं कि मैंने समय रहते आपको यहां पहुंचा दिया।
लेकिन विजय की आंखों में कुछ अजीब था। उसकी बातें ठीक लग रही थीं, पर उसका व्यवहार असामान्य था। अनुराग को उस पर भरोसा नहीं हुआ।
शंका की शुरुआत
अगली सुबह, अनुराग ने विजय से फोन मांगा ताकि वह अपने परिवार को खबर दे सके। विजय ने बहाना बना दिया, यहां नेटवर्क नहीं है। आपको चिंता करने की ज़रूरत नहीं। जैसे ही सब ठीक होगा, मैं आपको घर भेज दूंगा।
रिया ने भी महसूस किया कि विजय के घर में कुछ सही नहीं है। घर के हर कोने में सीसीटीवी कैमरे लगे थे। विजय का हंसता हुआ चेहरा भी एक डरावनी मासूमियत से भरा था।
रात होते ही, अनुराग और रिया ने विजय के घर का मुआयना करने की योजना बनाई।
घर के पीछे का सच
आधी रात को, दोनों चुपचाप कमरे से बाहर निकले। घर के पीछे एक गुप्त तहखाने का दरवाज़ा दिखा। जब उन्होंने दरवाज़ा खोला, तो उनके होश उड़ गए।
तहखाने में अखबारों की कतरनें, पुलिस रिकॉर्ड और तस्वीरों का ढेर था। हर तस्वीर में दुर्घटना के शिकार लोग थे। और सबसे चौंकाने वाली बात यह थी कि उन तस्वीरों में अनुराग और रिया की भी तस्वीरें थीं।
अखबार की कतरनों से पता चला कि यह पहली बार नहीं था। विजय पिछले कई सालों से दुर्घटनाओं के बहाने लोगों को फंसाकर उन्हें गायब कर देता था।
क्या विजय मास्टरमाइंड है?
रिया ने पूछा, ये सब क्या है? क्या विजय ने हमारी हत्या की साजिश रची है? अनुराग ने कागजों को ध्यान से पढ़ा। यह सिर्फ हादसा नहीं था, रिया। उसने हमें जानबूझकर यहां बुलाया। लेकिन क्यों?
तभी बाहर से विजय की आहट सुनाई दी। अनुराग और रिया ने जल्दी से तहखाने का दरवाज़ा बंद किया और अपने कमरे में लौट आए।
सच की परतें
अगली सुबह, विजय ने अनुराग को अपनी बातों में उलझाने की कोशिश की। तुम्हारी कार मैंने ठीक करवा दी है। आज दोपहर तक तुम लोग घर जा सकते हो।
लेकिन अनुराग ने महसूस किया कि विजय उन्हें भ्रमित करने की कोशिश कर रहा है। तभी, अनुराग ने सवाल किया, तुमने हमें यहां क्यों बचाया? और यह तहखाना किसका है?
विजय की आंखों में डर झलकने लगा। उसने किसी तरह बात बदलने की कोशिश की, लेकिन अनुराग ने अपनी जगह बनाए रखी।
तहखाने का सामना
रिया ने विजय से सीधे कहा, हमें तुम्हारी सच्चाई पता है। तुम लोगों को यहां लाते हो, और फिर गायब कर देते हो। अब बताओ, हमारी जान क्यों बचाई?
विजय ने घबराते हुए कहा, मैंने तुम लोगों को बचाया, क्योंकि मैं तुम्हारी मदद करना चाहता था। बाकी चीज़ें मेरी नहीं हैं। वह सब मेरे भाई का काम है।
रिया ने जोर देकर कहा, तुम झूठ बोल रहे हो। हमें सब पता चल चुका है।
अंतिम संघर्ष
अनुराग और रिया ने मिलकर विजय को बांध दिया और पुलिस को बुलाने का प्लान बनाया। लेकिन तभी विजय के सहयोगी वहां पहुंच गए। दोनों के लिए भागने का वक्त आ गया।
रिया ने फुर्ती से सीसीटीवी फुटेज का हार्ड डिस्क उठाई, जबकि अनुराग ने विजय और उसके लोगों को उलझाए रखा। मौका पाते ही दोनों गाड़ी तक पहुंचे और वहां से भाग निकले।
पुलिस की सच्चाई
पुलिस के पास पहुंचने के बाद, अनुराग और रिया ने सारी जानकारी दी। पुलिस ने फुटेज देखकर पुष्टि की कि विजय का गैंग एक बड़े मानव तस्करी नेटवर्क का हिस्सा था।
उनकी बहादुरी की वजह से कई और मासूमों की जान बच गई।
निष्कर्ष
यह हादसा नहीं, बल्कि साजिश थी। अनुराग और रिया ने न केवल अपनी जान बचाई, बल्कि एक बड़े अपराध का पर्दाफाश भी किया। उनकी बहादुरी ने दिखाया कि डर के आगे सच और हिम्मत जीतती है।
रहस्यमयी लॉकडाउन | Mysterious Lockdown | Suspense Story in Hindi