Hindi Short story with moral

अदृश्य दोस्त | Moral Stories for Kids | Hindi Moral Stories

अदृश्य दोस्त | Moral Stories for Kids | Hindi Moral Stories. अदृश्य दोस्त – एक अनोखी प्रेरणादायक कहानी. अकेलापन और आत्मविश्वास की कमी बच्चों के लिए बड़ी चुनौती बन सकती है. ऐसी ही एक प्रेरणादायक कहानी है ‘अदृश्य दोस्त’ की, जो सुमित नाम के एक छोटे, शर्मीले बच्चे की है. सुमित अपने जीवन में एक…

अदृश्य दोस्त | Moral Stories for Kids | Hindi Moral Stories. अदृश्य दोस्त – एक अनोखी प्रेरणादायक कहानी. अकेलापन और आत्मविश्वास की कमी बच्चों के लिए बड़ी चुनौती बन सकती है.

ऐसी ही एक प्रेरणादायक कहानी है ‘अदृश्य दोस्त’ की, जो सुमित नाम के एक छोटे, शर्मीले बच्चे की है. सुमित अपने जीवन में एक अदृश्य दोस्त की उपस्थिति को महसूस करता है, जो उसके हर सवाल का जवाब देता है और उसे धीरे-धीरे नई चीजें सिखाता है। यह रहस्यमयी दोस्त सुमित को न केवल आत्मनिर्भर बनाता है बल्कि जीवन के महत्वपूर्ण सबक भी देता है।

आखिरकार, एक दिन सुमित को पता चलता है कि उसका अदृश्य दोस्त कोई और नहीं, बल्कि उसके माता-पिता हैं, जिन्होंने उसे अकेलेपन से बाहर निकालने के लिए यह प्यारा खेल रचा था। यह कहानी हमें यह समझाती है कि असली दोस्त वही होते हैं जो बिना दिखावे के हमेशा हमारा साथ निभाते हैं।

बच्चों के लिए इस कहानी में गहरे जीवन मूल्य छिपे हैं – किसी भी परिस्थिति में अपने साथियों के प्रति प्रेम और सहानुभूति रखना, सकारात्मक बदलाव को अपनाना और आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ना।

Hindi Short Story with Moral for Kids अदृश्य दोस्त Hindi Kahani

सुमित एक छोटा बच्चा था, जो बहुत ही शांत और शर्मीला था। वह ज्यादा दोस्त नहीं बनाता था और अधिकतर समय अकेला ही बिताता था। उसके माता-पिता उसकी इस आदत को लेकर चिंतित रहते थे। एक दिन, सुमित ने अपने कमरे में एक कागज़ पर कुछ लिखा और उसे अलमारी के अंदर रख दिया।

अगले दिन जब उसने अलमारी खोली, तो वह हैरान रह गया! कागज़ पर किसी और ने उसके सवालों के जवाब लिखे थे. यह देखकर वह उत्साहित हो गया और उसने उस अदृश्य दोस्त के लिए एक और पत्र लिखा। इस बार उसने पूछा, “तुम कौन हो?”

Moral Stories for Kids | Hindi Short Story with Moral for Kids अदृश्य दोस्त Hindi Kahani

अगले दिन उसे जवाब मिला, “मैं तुम्हारा खास दोस्त हूँ, बस मुझे देख नहीं सकते।” अब सुमित की दिलचस्पी और बढ़ गई. वह हर दिन उस अदृश्य दोस्त से सवाल पूछता और जवाब पाता. अदृश्य दोस्त ने उसे कई बातें सिखाईं – जैसे दूसरों की मदद कैसे करें, झूठ क्यों नहीं बोलना चाहिए, और कैसे नई चीज़ें सीखें। धीरे-धीरे, सुमित के आत्मविश्वास में भी बदलाव आने लगा। वह दूसरों से बात करने लगा और खेलकूद में हिस्सा लेने लगा।

कुछ महीनों बाद, सुमित का जन्मदिन आया। उसने अपने माता-पिता से कहा, “मुझे मेरे अदृश्य दोस्त को देखना है। वह कौन है?”

माता-पिता पहले तो चौंके, फिर मुस्कुराते हुए उन्होंने सुमित को बताया, “बेटा, वह अदृश्य दोस्त कोई और नहीं, बल्कि हम थे। हम जानते थे कि तुम अकेले हो और तुम्हें सहारे की जरूरत है। इसलिए हम तुम्हारे सवालों के जवाब देते रहे, ताकि तुम्हें किसी दोस्त की कमी महसूस न हो।”

सुमित यह सुनकर बहुत खुश हुआ और उसने अपने माता-पिता को गले लगा लिया। अब उसे समझ आ गया था कि असली दोस्त कौन होते हैं।

Moral मूल्य शिक्षा, असली दोस्त वही हैं जो हमें बिना बताए हमारे अच्छे के लिए हमारे साथ होते हैं।

Conclusion for Hindi Short Story with Moral for “अदृश्य दोस्त”

कहानी का समापन सुमित के लिए एक अद्भुत रहस्योद्घाटन के साथ होता है, जब उसे यह पता चलता है कि उसका अदृश्य दोस्त कोई और नहीं, बल्कि उसके माता-पिता थे।

इस सच्चाई को जानने के बाद सुमित अपने माता-पिता की भावनाओं और उनके प्यार को और गहराई से समझ पाता है। उनके इस छोटे-से खेल ने उसे न केवल आत्मविश्वास दिया, बल्कि जीवन के कई महत्वपूर्ण सबक भी सिखाए।

यह कहानी हमें सिखाती है कि सही मायनों में सच्चे दोस्त वही होते हैं जो हर मुश्किल में हमारे साथ होते हैं, चाहे वे सामने दिखें या नहीं। सुमित के माता-पिता की तरह हमें भी अपने प्रियजनों का साथ देना चाहिए और उनकी आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देना चाहिए।

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